101+ Best Desh Bhakti Shayari in Hindi | देशभक्ति शायरी हिंदी

दिल को छू जाने वाली देशभक्ति शायरी | Desh Bhakti Shayari in Hindi :

जय हिन्द दोस्तों, आज यहां हम आपके लिऐ Hindi Web Quotes वेबसाईट पर हिंदी में Desh Bhakti Shayari, Quotes & Status का बड़ा संग्रह लेकर आए हैं। आप अपनी पसंद के अनुसार जोश भर देने वाली देशभक्ति शायरी 2024 और स्टेटस चुन सकते है और जहां पर आप अपने परिजनों और दोस्तों को चांहे जितना शेयर कर सकते है।

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देशभक्ति शायरी हिंदी | Desh Bhakti Shayari in Hindi

जश्न आज़ादी का मुबारक हो देश वालो को,
फंदे से मोहब्बत थी हम वतन के मतवालो को।

 

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पे मर मिटनेवालों का बाकी यही निशां होगा।

 

अपनी आज़ादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही।

 

वो ज़िन्दगी ए के जिसमे देश भक्ति ना हो
अर वा मौत ए के जो तिरंगे म ना लिपटी हो।
जय हिन्द

 

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शहीद देश भक्ति शायरी

जो देश के लिए शहीद हुए
उनको मेरा सलाम है
अपने खूं से जिस जमीं को सींचा
उन बहादुरों को सलाम है।

 

ना तन से प्यार है, ना धन से प्यार हैं
हमें तो बस अपने वतन से प्यार हैं।

 

वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे है,
मरेगे वतन के लिए शर्त मौत से लगाये बैठे हैं।

 

मुस्लिम देश भक्ति शायरी

दिवाली में बसे अली, रमजान में बसे राम,
ऐसा सुंदर होना चाहिए अपना हिन्दुस्तान।

 

तेरे दामन से जो आये, उन हवाओं को सलाम,
चूम लूँ मैं उस जुबां को जिस पे आये मेरे भारत का नाम।

 

चैन ओ अमन का देश है मेरा,
इस देश में दंगा रहने दो लाल हरे में मत बांटो,
इसे शान ए तिरंगा रहने दो।

 

दिल को छू जाने वाली देशभक्ति शायरी

न जाने कितनी वीरों ने
अपनी जान गवाई थी
तब जाकर मेरे भारत ने
सही स्वतंत्रता पाई थी।

 

हम चैन से सो पाए इसलिए ही वो सो गया,
वो भारतीय फौजी ही था जो आज शहीद हो गया।
जय हिन्द

 

जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी हैं,
जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं।

 

दर्द भरी देशभक्ति शायरी

ये जो थोड़ा तुम्हें सुकून है
इस के पीछे वर्दी वालों का खून है।

 

या तो मै तिरंगा गाड़ कै आऊंगा
या फेर तिरंगा मै लिपट कै आऊंगा।
जय हिन्द

 

कैसे छोड़ दूं मोहब्बत करना मेरा देश ही मेरी जान है,
इस पर मेरा हर कतरा कुर्बान है।

 

देश भक्ति शायरी दो लाइन 26 जनवरी

जिंदगी जब तुझको समझा मौत फिर क्या चीज है
ऐ वतन तू हीं बता, तुझसे बड़ी क्या चीज है।

 

सीने में आग और हृदय में देशभक्ति का जूनून रखते है,
क्योंकि हमारे दिलों-दिमाग में भगत सिंह बसते हैं।

 

मेरे सर पे कर्जा है भगत सिंह की चीखों का
मेरा हृदय आभारी है उनकी दी हुई सीखों का।

 

चीर के बहादूं लहू दुश्मन के सीने का,
यही तो मजा है फौजी होकर जीने का।

 

मुझे ना तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए।

 

तन की मोहब्बत में, खुद को तपाये बैठे हैं,
मरेंगे वतन के लिए, शर्त मौत से लगाये बैठे हैं
जय हिन्द

 

जिनमे अकेले चलने के हौसले होते हैं
एक दिन उन्ही के पीछे काफिले होते हैं।

 

आर्मी तो है देश की शान,
जिन्दा दिली है जिसकी पहचान।

 

देश भक्ति शायरी गजल

तिरंगा हो कफ़न मेरा बस यहीं अरमान रखता हूँ,
भारत माँ का इस हृदय में अमिट सम्मान रखता हूँ।

 

ऐ अहल-ए-वतन शाम-ओ-सहर जागते रहना
एहयार है आमदा-ए-शर जागते रहना।

 

जिसकी वजह से पूरा हिन्दुस्तान चैन से सोता हैं,
कड़ी ठंड, गर्मी और बरसात में अपना धैर्य न खोता हैं।

 

लिख दो लहू से अमर कहानी वतन के खातिर,
कर दो कुर्बान हंसकर ये जवानी वतन के खातिर।

 

ना सरकार मेरी है ना रौब मेरा है
ना बड़ा सा नाम मेरा है
मुझे तो एक छोटी सी बात का गौरव है
मै हिन्दुस्तान का हूँ और हिन्दुस्तान मेरा है।

 

ना जियो धर्म के नाम पर ना मरो धर्म के नाम पर,
इन्सानियत ही है धर्म वतन का बस, जियो वतन के नाम पर।

 

दिल से मर कर भी ना निकलेगी वतन की उल्फ़त,
मेरे मिट्टी से भी खुशबू-ए-वतन आएगी।

 

जिसके दिल में, प्यार नहीं, आजादी का, हक़दार नहीं,
मेरा वतन, गुलज़ार है, यहाँ ख़ारों से, इक़रार नही।

 

हुहूं शहीदान-ए-वतन का रंग ला कर ही रहा
आज ये जन्नत-निशां हिंदोस्तां आज़ाद है।

 

आओ झुक कर सलाम करे
उनको जिनके हिस्से मे ये मुकाम आता है
खुशनसीब है वो खून जो देश के काम आता है।

 

इश्क तो करता है हर कोई
महबूब पे तो मरता है हर कोई
कभी वतन को महबूब बना के देखो
तुझ पे मरेगा हर कोई।

 

देश के लिए मर मिटना कुबूल है हमें,
अखंड भारत के सपने का जूनून है हमें।

 

दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी।

 

भारत की फजाओं को सदा याद रहूँगा,
आजाद था, आजाद हूँ, आजाद रहूँगा।

 

भारत माता से गुजारिश कि
तेरी भक्ति के सिवा कोई बंदगी न मिले
हर जनम मिले हिन्दुस्तान की पावन धरा पर
या फिर कभी जिंदगी न मिले।

 

लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।

 

जब आँख खुले तो धरती हिन्दुस्तान की हो
जब आँख बंद हो तो यादेँ हिन्दुस्तान की हो
हम मर भी जाए तो कोई गम नही लेकिन
मरते वक्त मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।

 

चूमा था वीरों ने फांसी का फंदा
यूँ ही नहीं मिली थी, आजादी खैरात में।

 

क्यूं जाए ‘नज्म’ ऐसी फ़ज़ा छोड़ कर कहीं,
रहने को जिस के गुलशन-ए-हिन्दोस्तां मिले।

 

वतन के जाँ-निसार हैं वतन के काम आएँगे
हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमाँ बनाएँगे।

 

फरिस्ते सिर्फ आसमान में नहीं रहते हैं
जमीन ए हिंद पर उन्हें जवान कहते हैं।

 

अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नही
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही।

 

लिख रहा हूँ मैं अंजाम,
जिसका कल आगाज आएगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।

 

वतन की ख़ाक से मर कर भी हम को उन्स बाक़ी है
मज़ा दामान-ए-मादर का है इस मिट्टी के दामन में।

 

वतन की खाक को चंदन समझकर सर पे रखतें है
कब्र में भी खाके वतन कफन पे रखते हैं।

 

वतन की सर बुलंदी में, हमारा नाम हो शामिल
गुजरते रहना है हमको, सदा ऐसे मुकामो से।

 

आन देश की शान देश की,
देश की हम संतान हैं
तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी ये पहचान हैं।

 

हम अम्न चाहते हैं मगर ज़ुल्म के हिलाफ़
गर जंग लाज़मी है तो फिर जंग ही सही।

 

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।

 

कर जस्बे को बुलंद जवान
तेरे पीछे खड़ी आवाम
हर पत्ते को मार गिरायेंगे
जो हमसे देश बटवायेंगे।

 

मै रहू या ना रहू पर ये वादा है तुमसे मेरा कि,
मेरे बाद वतन पर मरने वालो का सैलाब आयेगा।

 

दिल में जूनून आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ,
दुश्मन की जान निकल जाए आवाज में इतनी दमक रखता हूँ।

 

लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर
भारत का ही नाम होगा सबकी जुबान पर
ले लेंगे उसकी जान या खेलेंगे अपनी जान पर
कोई जो उठाएगा आँख हिंदुस्तान पर।

 

बस ये बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागों को जलाए रखना,
लहू देकर भी जिसकी हिफाजत की शहीदों ने
उस तिरंगे को सदा दिल में बसायें रखना।

 

आन देश की शान देश की,
देश की हम संतान हैं,
तीन रंगों से रंगा तिरंगा अपनी ये पहचान हैं।

 

दे सलामी इस तिरंगे को
जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका
जब तक दिल में जान हैं।

 

दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त,
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी।

 

जिंदगी जब तुझको समझा,
मौत फिर क्या चीज है,
ऐ वतन तू हीं बता तुझसे बड़ी क्या चीज है।

 

अगर माटी के पुतले देह में ईमान जिन्दा हैं
तभी इस देश की समृद्धि का अरमान जिन्दा हैं
ना भाषण से है उम्मीदें ना वादों पर भरोसा हैं
शहीदों की बदौलत मेरा हिन्दुस्तान जिन्दा है।

 

उड़ जाती है नींद ये सोचकर
कि सरहद पे दी गयीं वो कुर्बानियां
मेरी नींद के लिए थीं।

 

क्यूं जाए ‘नज्म’ ऐसी फ़ज़ा छोड़ कर कहीं,
रहने को जिस के गुलशन-ए-हिन्दोस्तां मिले।

 

तैरना है तो समंदर में तैरो नालों में क्या रखा हैं
प्यार करना है तो देश से करो औरों में क्या रखा हैं।


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