Aukat Shayari in Hindi | औकात शायरी हिंदी :
नमस्कार दोस्तों, यहां हम आपके लिऐ Hindi Web Quotes वेबसाईट पर हिंदी में औकात पर शायरी (Aukat Shayari in Hindi) का बड़ा संग्रह लेकर आए हैं। आप अपनी पसंद के अनुसार सभी प्रकार की शायरी चुन सकते है और जहां पर आप अपने दोस्तों को चांहे जितना शेयर कर सकते है।
Aukat Shayari in Hindi | औकात शायरी हिंदी
औकात नहीं है आँख से आँख मिलाने की,
और बात करते है हमारा नाम मिटाने की।
वैसे तो पूरी दुनिया हमारी दीवानी है
हाँ भूल गए है कुछ लोग औकात अपनी
वक्त रहते उन्हें उनकी औकात याद दिलानी है।
औकात उतनी ही दिखा जितनी तेरी
कहानी है तेरा ईगो तो दो दिन की कहानी
है मेरी औकात तो खानदानी है।
औकात जो नाप रहे हो ज़ुबान की धार से,
ज़रा ख़ुद में झाँक लो ज़मीर के दीदार से।
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तेरी औकात शायरी
आदतें बुरी नहीं शौक ऊँचे हैं
वरना किसी ख्वाब की इतनी औकात नहीं कि
हम देखें और पूरा न हो।
उसे कह दो ज्यादा औकात औकात न करे मैं अपनी
औकात पे आया तो उसकी औकात लिख दूँगा।
हमसे औकात की बात करने वाले सुन ले
खोटे सिक्के हीरे की कीमत नही लगा सकते है।
ऐ दिल तू ज़रा कम ही हसरतें पाला कर,
बस तू अपनी औकात के हिसाब के ख्वाब देखा कर।
दुश्मन की औकात शायरी
अपनी औकात मे रहना सीख बेटा
वरना जो हमारी आंखो मे खटकते है
वह शमशान मे भटकते है।
औकात तो कुत्तों की होती है
हमारी तो हैसियत है।
जो लोग ऐसा सोचते है
मैं उनसे दूर हो जाऊं वही
साले औकात बताएंगे मुझे अपना
अगर जरा सा मशहूर हो जाऊं।
अगर मुझसे हाथ मिलाना है,
तो मुझे सहना सीख,
वरना अपनी औकात में रहना सीख।
औकात दिखा देती है एक दिन मोहब्बत भी
इसलिए खुद से ज्यादा चाहत किसी की मत रखना।
आजकल वो लोग भी औकात की बात करते है
जो खुद अपने बाप की हैसियत पर पलते है।
चूर हो गयी सारी चमक हथौड़े की चोट से,
हीरे की औक़ात ही क्या थी जौहरी के सामने।
दोस्ती औकात शायरी
कभी कभी जमीन पर गिरना भी जरूरी है दोस्तों,
ऊंचीं उड़ाने अक्सर इन्सान को उसकी औकात भुला देती है।
बुरे वक्त की भी क्या बात होती है,
वो भी सलाह देता है जिसकी कोई
“औकात” नहीं होती है।
वो मेरी ना हुई तो इसमें हैरत की कोई बात नही
क्योँकि शेर से दिल लगाये बकरी की ईतनी औकात नही।
औकात तो उनकी मुंह लगाने की भी
ना थी हम तो उनसे दिल लगा बैठे थे।
औकात की बात मत करो,
जिस दिन सामना होगा
उस दिन हस्ती मिटा देंगे।
मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल छोटा करू
वो उतनी ही कर सकी वफ़ा जितनी उसकी औकात थी।
अपनी औकात भूल जाए
अमीर भी नहीं है हम,
और तुम हमें हमारी औकात बताओ
इतने फ़क़ीर भी नहीं है हम।
औकात तो उनकी मुंह लगाने की भी ना थी,
हम तो उनसे दिल लगा बैठे थे।
मालूम है मुझे मेरी औक़ात,
हर बार क्यों दिखाते हो,
छोड़ना है तो छोड़ ही जाओ न,
यूँ हर बार क्यों सताते हो।
कुछ लोग इस तरह जीने का सलीका सिखाते है,
औकात में रहूं इसीलिए “औकात” दिखाते है।
छोटे लोग है और ख्वाहिशे बड़ी है
औकात दो कौड़ी की है औ सिफारिशे बड़ी है।
चीर दूंगा मेरे जख्मी पैरों से इन लंबे रास्तों को,
वक्त मेरा बताएगा औकात इन हसीन चेहरों को।
मेरे औकात से बड़े मेरे सपने है और
मेरे ही खिलाफ खड़े आज मेरे अपने है।
कोशिशे लाख आजमाई
तुम्हारा साथ निभाने में,
एक पल भी न लगा
तुम्हे औकात दिखाने में।
कोशिश ना आजमाई तुम्हारा साथ निभाने
मे एक पल भी ना लगा तुम्हे औकात दिखाने मे।
वो छोड़ के गए तो एक सबक सीखा गए
अब कोई आये तो उसे औकात मे रखा जाए।
खूब हौसला बढ़ाया आँधियों ने धुल का
मगर दो बून्द बारिश ने औकात बता दी।
झूठ इसलिए बिक जाता है क्योंकि
सच को खरीदने की सबकी औकात नहीं होती।
सब की औकात है बस सफ़ेद चादर
और वो भी खुद से ओढ़ने की ताकत न होगी।
किसी का भला कितना ही कर लो
आखिर मे वो अपनी औकात दिखा देता है।
ख़्वाहिश तो मेरी भी होती है
तुम्हें अपना बनाने की,
मग़र तुम्हारे दीवार की ईंट भी
मेरी औकात से ऊपर है।
औकात नहीं थी ज़माने में जो हमारी कीमत लगा सके
कम्बख्त इश्क़ में क्या गिरे मुफ्त में नीलम हो गए।
काम निकल जाए तो औकात दिखाते है लोग,
वरना पाँव पकड़कर गिड़गिड़ाते है लोग।