Islamic Shayari in Hindi | इस्लामिक शायरी हिंदी :
दोस्तों, आज यहां हम आपके लिऐ Hindi Web Quotes वेबसाईट पर हिंदी में Islamic Shayari in Hindi, Quotes & Status का बड़ा संग्रह लेकर आए हैं। आप अपनी पसंद के अनुसार जोश भर देने वाली इस्लामिक शायरी और स्टेटस चुन सकते है और जहां पर आप अपने परिजनों और दोस्तों को चांहे जितना शेयर कर सकते है।
Islamic Shayari in Hindi | इस्लामिक शायरी हिंदी
ये मस्जिद, ये काबा, ये गुलज़ार-ए-जन्नत
आओ मुसलमानों, यह मुहम्मद का सिंहासन है।
Google से दुनिया का हर रास्ता देखा जा सकता है,
लेकिन जन्नत का रास्ता सिर्फ क़ुरान से ही दिखता है।
दिल में एक जुस्तुजू जगी है
हसरत भी जगी है जीने की
दिल की तार जुडी है कहीं से
और वो रौशनी है मदीने की।
दूर हैं नमाज़ों से, आरज़ू है जन्नत की,
जो मिला दे मन्ज़िल से वो पता नहीं लेते।
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मेरी औकात से ज़्यादा तूने मुझे दिया है या रब
तू लाख मुश्किलों में भी डाल दे मुझे तुझ पर भरोसा है।
जमीन वालों पर कभी आसमान वाले ने ज़ुल्म नहीं किया,
जमीन वालों पैर हमेशा जमीन वालों ने ही ज़ुल्म किया है।
आज़माइश भी अल्लाह की तरफ़ से है
आपके लिए विश्वास की परीक्षा है।
मेरी लाख़ बुराइयो को ज़ानते हुए भी
मुझ़से बेईन्तहा मोहब्ब़त करने वाला सिर्फं मेरा रब हैं।
मेरे अश्को से तू अपना दामन साफ कर
अकेले तड़पता हूँ ऐ खुदा इन्साफ कर।
एक दिन ऐसा भी आयेगा,
जब हमारी हर दुआ कबूल हो जायेगा।
किताब ने इल्म देती हैं,
हिदायत सिर्फ अल्लाह देता है।
या अल्लाह हर नफ़्स तेरी देवनी हो जायगी,
जब हर शय ज़ुबा तेरा कलमा दोहराएगी।
तेरे हर नेक अमाल से
दुश्मन तेरा कमजोर होता जायगा
तू बस खुदा पर अपना अक़ीदा मज़बूत रखना
शैतान खुद बा खुद पस्त होता जायगा।
कुछ तक़लीफो की दवा नहीं होती,
सजदा ही बस एक सुकून का जरिया होता है।
नसीब से ज्यादा कीमती दुआ होती है,
क्यों की जब ज़िन्दगी में सब कुछ बदल जाये तो
दुआ नसीब को बदल सकती है।
धागा ही समझ,
तू अपनी “मन्नत” का मुझे
तेरी दुआओ के मुकम्मल होने का दस्तूर हूँ मैं।
गुस्सा और तूफ़ान दोनों एक ही जैसे है,
ठंडा होने के बाद पता चलता है की नुकसान कितना हुआ।
सबसे बहादुर दिल वह है,
जो दर्द में होने पर भी अल्लाह के करीब रहता है।
मुझे इस तरह अपनी मुहब्बत में
मशरूफ कर दे अल्लाह,
के तोबा के बगैर मुझे नींद ना आए।
दौर ऐ इम्तेहान गुज़र जायगा, हक़ ऐ इस्लाम का,
फिर बुलंद होगा आलम दीन ऐ इस्लाम का।
दूसरों की कामयाबी पर खुश होना सीखो,
अल्लाह आपको भी देने में देर नहीं करेगा।
खाली हाथ भेजा है मुझे
खाली हाथ ही लेजा तू मुझे।
वो नमाज़ ऐ इश्क़ हमें भी सीखा या रब,
जिसमे हमें सिर्फ अज़ान का इन्तेज़र हो।
बदला लेने वालो से मत डरो,
माफ़ करने वालो से डरो,
क्युकी उनका बदला फिर अल्लाह लेता है।
दो ही चीज़ें एसी है जिसमे किसी का कुछ नहीं जाता
एक मुस्कराहट और दूसरी दुआ हमेंशा बांटते रहें।
जिस इंसान को गुस्सा ज्यादा आता है,
वो इंसान प्यार ही उतना करता है,
और वो उतना ही साफ दिल रखता है।
या अल्लाह् मुझ़पे इतना करम फरमा कि
मैं तेरा ही जिक्र करू
तेरा शुक्र करू और ब़स तेरी ही ईबादत करू।
इबादत वो है जिसमें जरूरतों का,
ज़िक्र ना हो सिर्फ उसकी रहमतों का शुक्र हो।
मेरी औकात इस काबिल तो नही के में जन्नत मांगूं
या रब बस इतनी सी अर्ज़ है के मुझे जहन्नुम से बचा लेना।
न दौलत काम आएगी,
न ताक़त काम आएगी,
क़यामत के दिन सिर्फ मुहम्मद
की मोब्बत काम आएगी।
कुछ खो के बहुत कुछ पाया है,
गलत राह छोड़ कर मुसाफिर लौट आया है,
सुकून मिलता है सजदों में,
वक़्त लगा पर सही समाज आया है।
बेशक़ इन्सान जब अच्छा सोचता हैं,
तो अल्लाह् ख़ुद ही रास्तें निक़ाल देते है
और मुश्किले आसां कर देतें है।
करते है आज भी वफादारी हम उस वतन से
जिस वतन की खुश्बू का ज़िक्र मेरे आक़ा करते है।
दिल में एक जुस्तुजू जगी है,
हसरत भी जगी है जीने की,
दिल की तार जुडी है कहीं से,
और वो रौशनी है मदीने की।
अल्लाह ने कभी नहीं कहा कि रास्ता आसान होगा,
लेकिन उसने कहा मैं उनके साथ रहूँगा जो सब्र करते है।
ज़ो बुरा कहें चुप हो जाओं जो सताये सब्र करों,
अल्लाह् की क़सम ऐसी ताकत बनोंगे पहाड भी रास्ता देगा।
बहुत नवाज़ा है
हमारे खुदा ने हमें हमारे अमाल के बराबर मिलता
तोह शायद कुछ भी न मिलता।
परेशानियां तो आती ज़ाती रहती हैं,
और आतीं जाती रहेगी,
बस तुम अल्लाह से कभीं उम्मीद मत हारना।
अपने परदे करने पर फक्र करना,
क्युकी दुनिया में किताबे बहुत है,
लेकिन गिलाफ सिर्फ क़ुरान मजीद पर है।
जब मेरा अल्लाह कुन कह देता है
तो फिर इन ज़मीनी खुदाओ का ज़ोर नहीं चलता।
मुझे मालूम क्या वो राज़-दाँ तेरा है या मेरा
मोहम्मद भी तिरा जिबरील भी क़ुरआन भी तेरा।
तेरे हर नेक अमाल से
दुश्मन तेरा कमजोर होता जायगा
तू बस खुदा पर अपना अक़ीदा मज़बूत रखना
शैतान खुद बा खुद पस्त होता जायगा।
अगर तुम अपनी तकब्बुर को तोड़ना चाहते हो,
तोह किसी ग़रीब को सलाम किया करो।
मत रख इतनी नफ़रतें अपने दिल में ए इंसान
जिस दिल में नफरत होती है उस दिल में रब नहीं बसता।
खाना रोज खाता हूं, पानी रोज पीता हूं
बाजार रोज जाता हूं, मस्जिद 7 दिन में जाता हूं
और कहता हूं जुम्मा मुबारक भाई।
जितना अधिक समय आप अल्लाह के साथ बिताएंगे,
उतना ही अधिक वह आपको चंगा करेगा।
कुछ खो के बहुत कुछ पाया है
गलत राह छोड़ कर मुसाफिर लौट आया है
सुकून मिलता है सजदों में
वक़्त लगा पर सही समाज आया है।
सब्र करो,
रब कभी गम की बारिश बरसता है तो
कभी खुशियों के सावन भी लाता है।
और उस दिन सब मोहब्बते झूठी लगेगी,
जब सुनोगे, या रब्ब मेरी उम्मत, या रब्ब मेरी उम्मत।
हर स्थिति में अच्छाई देखने के लिए
अपने दिमाग को प्रशिक्षित करे
और हमेशा अल्हम्दुलिल्लाह कहें।
मुल्क लुट जाएगा ये आसार नज़र आते हैं
अब हुकूमत में सब मक्कार नज़र आते हैं।
अपने परदे करने पर फक्र करना
क्युकी दुनिया में किताबे बहुत है
लेकिन गिलाफ सिर्फ क़ुरान मजीद पर है।
दौर ऐ इम्तेहान गुज़र जायगा, हक़ ऐ इस्लाम का
फिर बुलंद होगा आलम दीन ऐ इस्लाम का।
क़ुरान की ख़ूबी यह हैं कि
आप उसक़ा सन्देश नही बदल सक़ते,
लेक़िन उसका सन्देश आपको ब़दल सक़ता है।
आशिकी उनसे पूछिए जिनके लबो पे
दुरुद औ सलाम रहता है
उनके हर ख्याल में हुज़ूर का ही ख्याल रहता है।
उम्मीद कभी मत छोड़ना,
इंशा अल्लाह कल को दिन आज से बेहतर होगा।
मेरी औकात इस काबिल तो
नहीं कि मैं जन्नत में हूं
या रब दुआ बस इतनी सी है
कि मुझे जहन्नम से बचा।