101+ Best Bewafa Shayari in Hindi | बेवफा शायरी हिंदी

बेवफा शायरी इन हिंदी | Best Bewafa Shayari in Hindi :

दोस्तों, प्यार बेवफा नहीं होता है, यह आपके प्यार और आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप आपने प्यार के साथ कैसा व्यवहार किया करते थे। अगर सामने वाले आपके उपर सच्चा प्यार करते हैं, आपके भावनाओं का सम्मान करता हैं तो उसे आप भरोसा दिला सकते हैं कि आप उसके लिए बेहतर इंसान हैं। तो कभी भी प्रॉब्लम ही नहीं आ सकता।

देखिए दोस्तों, प्यार कभी भी बेवफा नहीं होता है, ऐसा सुना होगा कि आपने प्यार किया एक तरफा होता है लेकिन बेवफा नहीं होता है, कुछ मजबूरियां होती है इंसान समझ नहीं पाता है और कुछ लोगों के साथ कुछ नॉर्मल सीमित अंडरस्टैंडिंग हो जाता है। जिससे उनके सीखने का अनुमान हो सकता है। इसलिए इसलिए लोग प्यार को बेवफा समझते हैं सच में प्यार बेवफा नहीं होता है। जो इंसान उस इंसान को बहुत ही मोटिवेट कर देता है और उसके जीवन जीने की प्रेरणा देती है।

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Bewafa Shayari in Hindi | बेवफा शायरी इन हिंदी

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ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने,
है बेवफा गम-ऐ-मोहब्बत क्या जाने,
जिन्हें मिलता है हर मोड़ पर नया हमसफर,
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने।

 

दिल क्या मिलाओगे कि हमें हो गया यक़ीं,
तुम से तो ख़ाक में भी मिलाया न जाएगा।

 

हारने वालो का भी अपना रुतबा होता हैं,
मलाल वो करे जो दौड़ में शामिल नही थे।

 

मजा चख लेने दो उसे गेरो की मोहबत का भी,
इतनी चाहत के बाद जो मेरा न हुआ वो ओरो का क्या होगा।

 

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बेवफा प्यार शायरी

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मिला के खाक में दिल को वो इस अंदाज़ में बोले,
मिट्टी का खिलौना था, कहाँ रखने के काबिल था।

 

मेरी शराफत को तुम बुज़दिली का नाम न दो,
दबे न जब तक घोडा, बन्दूक भी खिलौना ही होती है।

 

दिल के दरिया में धड़कन की कश्ती है,
ख़्वाबों की दुनिया में यादों की बस्ती है,
मोहब्बत के बाजार में चाहत का सौदा है,
वफ़ा की कीमत से तो बेवफाई सस्ती है।

 

आज तुम्हारी याद ने मुझे रुला दिया,
क्या करूँ तुमने जो मुझे भुला दिया,
न करते वफ़ा न मिलती ये सजा,
मेरी वफ़ा ने तुझे बेवफा बना दिया।

 

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दर्द भरी बेवफा शायरी इन हिंदी

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कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी,
कि तुझे अलविदा भी ना कह सका,
तेरी सादगी में इतना फरेब था,
कि तुझे बेवफा भी ना कह सका।

 

बेवफा दुनिया में कौन सारी जिंदगी साथ देगा तेरा,
लोग तो दफना कर भूल जाते हैं कि कब्र कौन सी थी।

 

इतनी मुश्किल भी ना थी,
राह मेरी मोहब्बत की,
कुछ ज़माना खिलाफ हुआ
कुछ वो बेवफा हो गए।

 

इतना ही गुरुर है तो मुकाबला इश्क से कर ऐ बेवफा,
हुस्न पर क्या इतराना जो बस मेहमान है कुछ दिन का।

 

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Bewafa Shayari in Hindi 2 Line

न कोई मज़बूरी है न तो लाचारी है,
बेवफाई उसकी पैदायशी बीमारी है।

 

खुदा ने पूछा क्या सज़ा दूँ उस बेवफ़ा को,
दिल ने कहा मोहब्बत हो जाए उसे भी।

 

वाकिफ तो थे तेरी बेवफ़ाई की आदत से,
चाहा इसलिए कि तेरी फितरत बदल जाये।

 

मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़,
गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो।

 

Bewafa Quotes in Hindi

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कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।

 

कोई नहीं याद रखता वफ़ा करने वालों को,
मेरी मानो बेवफा हो लो जमाना याद रखेगा।

 

मेरी तलाश का है जुर्म,
या मेरी वफा का क़सूर,
जो दिल के करीब आया,
वही बेवफा निकला।

 

मेरी मोहब्बत सच्ची है इसलिए तेरी याद आती है,
अगर तेरी बेवफाई सच्ची है तो अब याद मत आना।

 

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4 Line Bewafa Shayari in Hindi

तेरी मोहब्बत ने दिया सुकून इतना,
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे।

 

तेरी चौखट से सिर उठाऊं तो बेवफा कहना,
तेरे सिवा किसी और को चाहूँ तो बेवफा कहना,
मेरी वफाओं पे शक है तो खंजर उठा लेना,
मैं शौक से मर ना जाऊं तो बेवफा कहना।

 

हर भूल तेरी माफ़ की
तेरी हर खता को भुला दिया,
गम है कि मेरे प्यार का
तूने बेवफाई सिला दिया।

 

उस के यूँ तर्क-ए-मोहब्बत का
सबब होगा कोई,
जी नहीं ये मानता
वो बेवफ़ा पहले से था।

 

शायरी बेवफा इन हिंदी

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सुनो एक बार और मोहब्बत करनी है तुमसे,
लेकिन इस बार बेवफाई हम करेंगे।

 

वफ़ा के नाम से मेरे सनम अनजान थे,
किसी की बेवफाई से शायद परेशान थे,
हमने वफ़ा देनी चाही तो पता चला,
हम खुद बेवफा के नाम से बदनाम थे।

 

बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना,
कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना।

 

अच्छा होता जो उस से प्यार न हुआ होता,
चैन से रहते हम जो दीदार न हुआ होता,
हम पहुँच चुके होते अपनी मंज़िल पर,
अगर उस बेवफा पर ऐतबार न हुआ होता।

 

सायरी बेबफाई

इंसान के कंधों पर इंसान जा रहा था,
कफ़न में लिपटा अरमान जा रहा था,
जिसे भी मिली बेवफ़ाई मोहब्बत में,
वफ़ा की तलाश में श्मशान जा रहा था।

 

रात की गहरा आँखों में उतर आई,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई।

 

उसकी बेवफाई पे भी फ़िदा होती है जान अपनी,
अगर उस में वफ़ा होती तो क्या होता खुदा जाने।

 

मेरी वफा के बदले बेवफाई न दिया कर,
मेरी उम्मीद ठुकरा के इन्कार न किया कर,
तेरी मोहब्बत में हम सब कुछ गँवा बैठे,
जान भी चली जायेगी इम्तिहान न लिया कर।

 

तेरा ख़याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी।

 

अपने तजुर्बे की आज़माइश की ज़िद थी,
वर्ना हमको था मालूम कि तुम बेवफा हो जाओगे।

 

अब के अब तस्लीम कर लें तू नहीं तो मैं सही,
कौन मानेगा कि हम में से बेवफा कोई नहीं।

 

रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो,
ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो।

 

बंद कर देना खुली आँखों को मेरी आके तुम,
अक्स तेरा देख कर कह दे न कोई बेवफा।

 

किसी का रूठ जाना और अचानक बेवफा होना,
मोहब्बत में यही लम्हा क़यामत की निशानी है।

 

हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया,
औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया,
पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफ़ाई को,
औरों ने तो क्या उन्होने भी वाह-वाह किया।

 

फ़ुलो के साथ कांटे नसिब होते है,
ख़ुशी के साथ गम भी नसिब होता है,
यु तो मजबुरी ले डुबती हर आशिक को,
वरना ख़ुशी से बेवफ़ा कौन होता है।

 

कैसी अजीब तुझसे यह जुदाई थी,
कि तुझे अलविदा भी ना कह सका,
तेरी सादगी में इतना फरेब था,
कि तुझे बेवफा भी न कह सका।

 

तेरा ख्याल दिल से मिटाया नहीं अभी,
बेवफा मैंने तुझको भुलाया नहीं अभी।

 

अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती,
तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती,
इस तरह लोग मरने की आरज़ू ना करते,
अगर मोहब्बत में बेवफ़ाई ना होती।

 

दुनियाँ को अपना चेहरा दिखाना पड़ा मुझे,
पर्दा जो दरमियां था हटाना पड़ा मुझे,
रुसवाईयों के खौफ से महफिल में आज,
फिर इस बेवफा से हाथ मिलाना पड़ा मुझे।

 

नज़ारे तो बदलेंगे ही ये तो कुदरत है,
अफ़सोस तो हमें तेरे बदलने का हुआ है।

 

नजर नजर से मिलेगी तो सर झुका लेगा,
वह बेवफा है मेरा इम्तिहान क्या लेगा,
उसे चिराग जलाने को मत कह देना,
वह नासमझ है कहीं उंगलियां जला लेगा।

 

हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला,
हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला,
अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी,
हर कोई मकसद का तलबगार मिला।

 

समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से,
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी।

 

जाते जाते उसने पलटकर सिर्फ इतना कहा मुझसे,
मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊं।

 

मेरी वफा फरेब थी मेरी वफा पे खाक डाल,
तुझसा ही कोई बावफा तुझको मिले खुदा करे।

 

मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला,
अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता।

 

मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद नहीं,
बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते हैं।

 

काम आ सकीं ना अपनी वफ़ाएं तो क्या करें,
उस बेवफा को भूल ना जाएं तो क्या करें।

 

मोहब्बत से रिहा होना ज़रूरी हो गया है,
मेरा तुझसे जुदा होना ज़रूरी हो गया है,
वफ़ा के तजुर्बे करते हुए तो उम्र गुजरी,
ज़रा सा बेवफा होना ज़रूरी हो गया है।

 

कुछ तो बेवफाई है मुझ में भी,
जो अब तक जिंदा हूँ तेरे बग़ैर।

 

वफा के बदले बेवफाई ना दिया कर,
मेरी उमीद ठुकरा कर इन्कार ना किया कर,
तेरी मौहब्बत में हम सब कुछ गवां बैठे,
जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया कर।

 

बेवफायी का मौसम भी
अब यहाँ आने लगा है,
वो फिर से किसी और को
देख कर मुस्कुराने लगा है।


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